श्रीकृष्ण के विषय में कुछ अनजानी बातें | Untold story about Lord Krishna


श्री कृष्ण


श्री कृष्ण का जीवन परिचय-

श्री कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के राजा कंस की जेल में हुआ था। श्री कृष्ण के पिता का नाम वसुदेव था। श्री कृष्ण के दादा का नाम शूरसेन था।उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा थी। उद्धव और अंगिरस उनके चचेरे भाई थे। श्री कृष्ण का नामकरण महर्षि गर्ग ने किया था।

    श्री कृष्ण कितने साल जिए?

    भगवान्  श्री कृष्ण इस पृथ्वी पर 124 वर्ष पर रहे । उनके शरीर का रंग श्याम वर्ण अर्थात  काला था, नाकि नीला जैसा की हमे उनके सारी  तस्वीरो में दिखाया जाता है। उनके शरीर पर से दिन रात पवित्र अष्टगंध  महकता था। वे  रेशम के पीले वस्त्र उन्हें प्रिय थे,जिन्हे पीताम्बर कहते है और वे अपने माथे  पर मोरमुकुट लगते थे ।उनकी आँखे बड़ी ही मोहिनी थी, जो उन्हें देखता वो उनसे सम्मोहित हो जाता  था।

    श्री कृष्ण जी के रथ का नाम क्या था?

    श्री कृष्ण जी के रथ का नाम जैत्र और 'गरुढ़ध्वज था, जो की सफ़ेद रंग का था, उसमे शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प और बलाहक नाम के चार  घोड़े थे। उनके सारथी का नाम दारुक था। 



    गोचारण लीला


    श्रीकृष्ण ने कितने दिन में 14 विद्या 64 कलाएं सीख ली थी ?


    प्राथमिक शिक्षा अर्जित करने लिए वे  मथुरा से उज्जैन में स्थित , गुरु सांदीपनि के आश्रम आये थे।  वहां श्री कृष्ण ने  अपने भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ ली पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण और बलराम ने केवल 126 दिन में गुरु सांदीपनि आश्रम में द्वारा वेद और योग की शिक्षा, 14 विद्याएं और 64 कलाएं, सीख ली थी ।बाल्यावस्था में ही उन्होंने बड़े-बड़े कार्य किए जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। उन्होंने कई लीलाएं की, जिसमे गोचारण लीला, गोवर्धन लीला, रास लीला आदि मुख्य है।अपनी बाल्यावस्था में  ही उन्होंने कंस द्वारा भेजी गई राक्षसी पूतना ,शकटासुर, तृणावर्त,बकासुर , वत्सासुर,आदि  राक्षसों  का वध किया।


    क्या राधा कृष्ण से बड़ी थी-

    श्री कृष्ण राधा जी , जो बरसाना के सरपंच वृषभानु की बेटी थी, उनसे  निष्काम और निश्वार्थ प्रेम करते थे। राधारानी श्री कृष्ण से उम्र में  लगभग 3 साल 11 महीने से बड़ी थी। श्री कृष्ण ने 14 वर्ष की उम्र में वृंदावन छोड़ दिया था।। और उसके बाद वो राधा से कभी नहीं मिले। भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध लगभग 14 से 16 वर्ष की आयु में किया था।


    वे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे और उनके धनुष का नाम 'सारंग' था।श्री कृष्ण  में  द्वंद्व युद्ध में भी माहिर थे। उनके पास सुदर्शन चक्र था,जिसमे 108 आरे थे। उनके खड्ग का नाम 'नंदक', गदा का नाम 'कौमौदकी' और शंख का नाम 'पांचजञ्य' था। मथुरा में मामा कंस का वध करने के बाद श्री कृष्ण ने गुजरात के समुद्र के बीचो बीच द्वारिकापूरी में अपनी राजधानी बनायीं ।ऐसा कहा जाता है की द्वारिकापूरी नगरी सोने की थी और इसका निर्माण स्वयं विश्वकर्मा द्वारा किया गया था।


    कृष्ण जी की कितनी पत्नियां थी-

    श्री कृष्ण की आठ रानियाँ थी जिनका नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था.श्री कृष्ण ने प्राग्यज्योतिषपुर के राजा नरकासुर के कैद से 16000 राजकुमारियों को मुक्त कराया था और तथ पस्च्यात उन राजकुमारियों को से विवाह करके उन्हें समाज में सम्मान दिलाया ।

    श्री कृष्ण की आठ रानियाँ

    महाभारत में श्री कृष्ण की उम्र कितनी थी?

    कुछ विद्वानों के मत अनुसार महाभारत युद्ध के समय श्री कृष्ण की आयु ८३ वर्ष की थी। श्री कृष्ण ने विभिन्न संकटों में  पांडवों की मदद की। महाभारत के युद्ध वे अर्जुन के सारथी बने। युद्ध आरम्भ होने के पूर्व, जब अर्जुन युद्ध से विमुख हो गया, तो श्री कृष्ण ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र शहर से आठ किलोमीटर आगे ज्योतिसर, जो आज के पेहवा रोड पर स्थित है,वहां पर रविवार शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन, गीता  का ज्ञान दिया था। 

    अर्जुन के सारथी


    कृष्ण जी के कितने पुत्र थे?

    श्रीकृष्ण के 80 पुत्र थे। रुक्मिणी के पुत्र  प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, चारुदेह, चारुचंद्र,सुदेष्ण, सुचारू, चरुगुप्त, भद्रचारू, चारू और विचारू   थे. जाम्बवती के पुत्र साम्ब, शतजित, सहस्त्रजित, सुमित्र, पुरुजित,  विजय, चित्रकेतु, क्रतु, वसुमान, और द्रविड़   थे। श्री कृष्ण के सबसे बड़ा पोता अनिरुद्ध था,जो श्री कृष्णा की प्रतिमूर्ति था। उषा और अनिरुद्ध के विवाह के लिए श्री कृष्ण ने बाणासुर के साथ साथ भगवान् शिव और उनके गणो से युद्ध करके उन्हें पराजित किया।

    श्री कृष्ण और दुर्योधन में क्या रिश्ता है

    दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा का विवाह श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब के साथ संपन्न हुआ था।इस तरह कौरव राज दुर्योधन भी श्री कृष्ण का समधी बन गया था

    श्री कृष्ण कैसे मरे थे -

    श्री कृष्ण की मृत्यु ज़रा नाम के शिकारी के द्वारा, हिरन समझ कर अनजाने में छोड़े गए बाण, के पैर केअंगूठे मे लगने से हुई। वो शिकारी पूर्व जन्म का बाली था। वो स्थान भालका तीर्थ के नाम से जाना जाता है। 


    श्री कृष्ण की मृत्यु के बाद सुदर्शन चक्र का क्या हुआ?

    श्री कृष्ण की मृत्यु के बाद सुदर्शन चक्र पृथ्वी के भीतर चला गया। भविष्य पुराण के अनुसार सुदर्शन चक्र को केवल भगवान विष्णु या उनकी अवतार ही धारण कर सकते है। कलयुग के अंत में जब भगवन विष्णु कल्कि अवतार के रूप में पृथ्वी पर जन्म लेंगे तब वे पुनः सुदर्शन चक्र को को धारण करेंगे।


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