चतुर चिड़िया और आलसी किसान-Moral Story in Hindi

चतुर चिड़िया और आलसी किसान


रामपुर  गाँव में सोहन नाम का  किसान रहता था। वो बहुत आलसी था। उसका खेत गाँव से कुछ दूर पर था। अपनी पत्नी के कहने पर उसने बड़ी तकलीफ से अपने खेत में धान बो दिया। एक चिड़िया वहां से उड़ रही थी , उसे यह जगह अच्छी लगी तो उसने सोहन के खेत में अपना घोसला बना लिया।
देखते देखते कुछ समय बीत गया और उस नन्ही सी  चिड़िया ने अपने घोसले में तीन अंडे दे दिए। कुछ ही दिनों से  अंडों  से दो उसके छोटे-छोटे बच्चे निकल गए . वह चिड़िया अपने बच्चो के साथे सोहन किसान के खेत में बड़े आराम से अपना  जीवन बिता  रही थी।  



जैसे ही कुछ और महीने बीते, सोहन की फसल लहलहाने लगी। अब उसकी फसल कटाई का समय नजदीक आ गया था। सारे किसान अपनी अपनी फसल  की  कटाई कर चुके थे। चिड़िया और उसके बच्चों  ने समझ लिया था की जल्दी ही उन्हें यह खेत छोड़ कर नयी जगह पर जा कर रहना पड़ेगा। 




अगले  दिन जब सोहन किसान अपनी पत्नी के साथ खेत में आया, तो उसकी पत्नी ने उससे कहा फसल तो तैयार हो गयी, अब इसे काट कर बेच दीजिये। इसपर सोहन ने कहा - तुम चिंता मत करो, कल ही  मैं फ़सल कटाने के लिए अपने पड़ोसी को  खेत में भेजूं दूंगासोहन किसान की ये बाते चिड़िया के बच्चो ने सुनी और बड़े परेशान हो गए। शाम को चिड़िया जब अपने घोसले में लौटी, तो उसके बच्चों ने उसे किसान की बात बताई  और  कहा, “माँ, हमे  यहाँ  से किसी  दूसरे स्थान के लिए  निकला होगा




चिड़िया ने  उन्हें समझाया - “ तुम  चिंता मत करो, कल इस खेत में फसल की कटाई नहीं  होगी।”


अगले दिन उस चिड़िया की बात सच साबित हो गयी। सोहन का पड़ोसी फसल काटने के लिए खेत में आया ही नहीं और इस तरह  फ़सल की कटाई न हो सकी

शाम के समय  सोहन अपनी पत्नी के साथ कटी हुई फसल को देखने के लिए खेत में आया और देखा की फसल तो जैसी थी वैसी ही है।  पत्नी ने पुछा कब कटेगी फसल तो सोहन ने कहा -


लगता है आज पड़ोसी  नहीं आया। कोई बात नहीं, तुम चिंता मत करो, कल मैं अपने किसी रिश्तेदार को भेज कर फसल कटवा लूंगा। 

सोहन किसान और उसकी पत्नी की बातें चिड़िया के बच्चों ने सुनी  और फिर से परेशान हो कर चिड़िया को ये सब  बताया।  वे बोले- माँ माँ आज रात को हमे यहाँ से जाना पड़ेगा।  पर चिड़िया  बोली,- “बच्चो  चिंता मत करो. आज रात हमें जाने की ज़रुरत नहीं है. मुझे  लगता है कि कल भी किसान का कोई रिश्तेदार नहीं आएगा




जैसा चिड़िया ने कहा ठीक वैसा  ही हुआ और अगले दिन सोहन किसान का कोई भी रिश्तेदार फसल काटने के लिए  खेत नहीं आया . चिड़िया के बच्चे  असमंजस में थे जाने कैसे  उनकी माँ की कही हुई हर बात सही हो रही थी।  

शाम के समय सोहन जब अपनी पत्नी के साथ खेत पर आया, तो फसल न काटने के कारण  उसकी पत्नी ने उसे फटकारा। सोहन बड़ा दुखी हुआ और बोला- “मेरे  इतना कहने पर भी कोई फसल की  कटाई के नहीं आया।  तुम चिंता मत करो, कल मैं ख़ुद सुबह सुबह आकर फ़सल की कटाई शुरू कर दूंगाचिड़िया के बच्चों ने सोहन किसान की ये बात भी सुन ली. उन्होंने जब अपनी माँ को बताया की किसान ने कहाँ है की कल वो खुद फसल काटने आएगा।



तब चिड़िया बोली,- “बच्चों, आज रात को ही हमे इस स्थान को छोड़ कर कोई दूसरा निवास के लिए निकल जाना है।” 
चिड़िया के दोनों बच्चे फिर से हैरान हो गए, और अपनी माँ से पुछा,- माँ माँ इस बार ऐसा क्या हुआ की आपने तुरंत इस जगह को छोड़ने का निर्णय ले लिया तब चिड़िया ने उन्हें समझाया,- “बच्चों,इसके पहले दोनो  बार किसान फसल की  कटाई के लिए दुसरे लोगो पर  निर्भर था उसने खुद कर्म न करके दूसरों को कहकर अपने काम से पल्ला झाड़ लिया था।   इस बार मामला दूसरा है, उसने इस काम की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है. इसलिए कल वह फसल काटने जरूर आएगा और अपने काम को पूरा करेगा


रात को ही चिड़िया अपने बच्चे सहित  किसान का खेत छोड़ उड़ गयी और  किसी दुसरे ठिकाने परअपना बसेरा बसा लिया। और चिड़िया के अनुमान के अनुसार सोहन सुबह सुबह ही फसल काटने आ गया था।   
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सीख - मित्रो, किसी कार्य को करने के लिए दूसरों की सहायता लेने में कोई बुराई नहीं है. पर  यदि आप काम समय पर पूरा करना चाहते हैं, तो उस काम करने की ज़िम्मेदारी आपको स्वयं लेनी पड़ेगी, और आगे बढ़कर उस काम की  शुरुआत करनी पड़ेगी ।



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