सोने की सही दिशा | कौन से दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए | पैर किस दिशा की और करके सोना चाहिए?

कौन से दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए

हिन्दू शास्त्रों में सोने की सही दिशा के बारे में सही नियम बताये गए हैं, जिन्हे अपना कर हम सारी चिन्ताओ को भूल  कर, तनाव से मुक्त नींद का आनंद ले सकते हैं।  जिस प्रकार पौस्टिक आहार हमारे लिए आवश्यक है ,उसी प्रकार अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद लेना भी जरुरी है।हमे यह जानना जरुरी है की कौन से दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए,ताकि सो कर जागने पर हम अपने अंदर नवीन ऊर्जा को महसूस करे और पिछले दिन की थकान छू मंतर हो जाए

    पैर किधर करके सोना चाहिए?

    हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, दक्षिण  की ओर सिर और पैर उत्तर दिशा में रख कर  सोने को उत्तम माना गया है. यह मान्यता भी वैज्ञानिक तथ्यों पर भी आधारित है । इसके अलावा  पूर्व दिशा की ओर सिर करके भी सो सकते हैं। इन दोनों ही दिशाओं में सिर रखकर सोने से आयु में बढ़ोत्तरी होती  है और सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता  है. 


    कौन सी दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए ?


    हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद  ही व्यक्ति का सिर उत्तर दिशा में रखा जाता है. शास्त्रों के अनुसार, सोने की दिशा का  संबंध पृश्वी के भीतर  मौजूद ध्रुवीय चुंबक से है. दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी. इस चुंबकीय ऊर्जा से आप मानसिक रूप से अस्वस्थ हो सकते हैं और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रह सकता है । इसीलिए  उत्तर की तरफ सिर करके सोने से खराब सपने आते हैं, स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है और नींद भी ठीक से पूरी नहीं होती है। पश्चिम दिशा यमराज की दिशा है, इसीलिए पश्चिम दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए,पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोने पर चिंता रहती  है।  

    पूरब दिशा की ओर भी सिर रख सो सकते हैं

    पूरब दिशा की ओर भी सिर रख सो सकते हैं क्या ?

    अगर किसी कारण से दक्षिण दिशा में सिर रख कर सोना संभव नहीं है तो  सिर पूरब और पैर पश्चिम दिशा की ओर रख कर सो जाए.  पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने से स्मृति, एकाग्रता, और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ जाता  है। छात्रों को स्मृति को बढ़ाने, मस्तिष्क और एकाग्रता की प्रतिधारण शक्ति को बढ़ाने के लिए पूर्व दिशा में  सिर रखकर सोना चाहिए।


    सोने के विषय में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

    शास्त्रों के अनुसार  संध्या के समय, विशेषकर  गोधूलि बेला में सोने मना  है. 
    खाने के बाद तुरंत ही, सोना नहीं चाहिए। 
    देर रात तक नहीं जागना चाहिए ।
    सोने से पहले भगवान का ध्यान करना चाहिए।






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